14 अप्रैल अंबेडकर जयंती ही नहीं एक नए क्रांति की शुरुआत है:- सुशांत बंजारे (भीम आर्मी)
अकलतरा/भीम आर्मी के विधानसभा सचिव ने 11 अप्रैल राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा राव फुले जी की जयंती की पूरे देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई !! इस बार 14 अप्रैल बाबा साहेब की जयंती पर केवल उनका चित्र ही नहीं उनके चरित्र को भी अपनाना है l राष्ट्रीय आपदा (महामारी) के इस समय में प्रत्येक देशवासियों को इन दिनों भारतीय संविधान ,फुले साहब ,बाबा साहब के ऊपर ही अपने पूरे परिवार के साथ चर्चा करनी है ,बाबा साहब को, उनके संघर्षों को ,और उनके द्वारा लिखित भारतीय संविधान को पढ़कर अपने हक अधिकारों को जानकर इस जयंती को अंबेडकर जयंती के रूप में नहीं प्रकाश पर्व के रूप में हम बनाएंगे , यह प्रकाश पर्व ज्ञान के प्रकाश का होगा और यह ज्ञान बाबा साहब के विचारों का , उनके आदर्शों का होगा l क्योंकि बाबा साहब जी कहा करते थे कि शिक्षा शेरनी की उस दूध की तरह है, जो उसे जितना पीता है उतना ही दहाड़ता है l रात्रि 8:00 बजे सभी देशवासियों को अपने घरों पर कम से कम 5 दिए जलाना है साथ ही आपके समीप जो गरीब निस्सहाय लोग हैं उनको एक समय का खाना और 5 दिए और तेल उन्हें देना है , जिससे वे अपने घरों को उजाला कर सके l इसके साथ ही पूरे देशवासियों को अपने पूरे परिवार के साथ भारतीय संविधान के प्रस्तावना का पाठ कर ,उसको समझ कर और यह तय करें कि आने वाले समय में इस आपदा से हम एक होकर लड़ेंगे इसी के साथ अपने हक अधिकार को समझेंगे और बाबा साहब जी ने जिस आधुनिक भारत की कामना की थी उसको पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से भारत में लागू करवाने की कोशिश करेंगे l भारत के कानून का पालन करते हुए पूरे जिम्मेदारी के साथ अपने घर पर रहकर ही इस दिन को ऐतिहासिक दिन बनाएंगे l. फुले साहब जी कहते थे परिवर्तन की शुरुआत अपने घरों से ही होती है और वह चिंगारी आप हो जिसे आपको समझ कर दूसरों को भी समझाना है l जय भीम जय भारत संविधान .
अकलतरा/भीम आर्मी के विधानसभा सचिव ने 11 अप्रैल राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा राव फुले जी की जयंती की पूरे देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई !! इस बार 14 अप्रैल बाबा साहेब की जयंती पर केवल उनका चित्र ही नहीं उनके चरित्र को भी अपनाना है l राष्ट्रीय आपदा (महामारी) के इस समय में प्रत्येक देशवासियों को इन दिनों भारतीय संविधान ,फुले साहब ,बाबा साहब के ऊपर ही अपने पूरे परिवार के साथ चर्चा करनी है ,बाबा साहब को, उनके संघर्षों को ,और उनके द्वारा लिखित भारतीय संविधान को पढ़कर अपने हक अधिकारों को जानकर इस जयंती को अंबेडकर जयंती के रूप में नहीं प्रकाश पर्व के रूप में हम बनाएंगे , यह प्रकाश पर्व ज्ञान के प्रकाश का होगा और यह ज्ञान बाबा साहब के विचारों का , उनके आदर्शों का होगा l क्योंकि बाबा साहब जी कहा करते थे कि शिक्षा शेरनी की उस दूध की तरह है, जो उसे जितना पीता है उतना ही दहाड़ता है l रात्रि 8:00 बजे सभी देशवासियों को अपने घरों पर कम से कम 5 दिए जलाना है साथ ही आपके समीप जो गरीब निस्सहाय लोग हैं उनको एक समय का खाना और 5 दिए और तेल उन्हें देना है , जिससे वे अपने घरों को उजाला कर सके l इसके साथ ही पूरे देशवासियों को अपने पूरे परिवार के साथ भारतीय संविधान के प्रस्तावना का पाठ कर ,उसको समझ कर और यह तय करें कि आने वाले समय में इस आपदा से हम एक होकर लड़ेंगे इसी के साथ अपने हक अधिकार को समझेंगे और बाबा साहब जी ने जिस आधुनिक भारत की कामना की थी उसको पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से भारत में लागू करवाने की कोशिश करेंगे l भारत के कानून का पालन करते हुए पूरे जिम्मेदारी के साथ अपने घर पर रहकर ही इस दिन को ऐतिहासिक दिन बनाएंगे l. फुले साहब जी कहते थे परिवर्तन की शुरुआत अपने घरों से ही होती है और वह चिंगारी आप हो जिसे आपको समझ कर दूसरों को भी समझाना है l जय भीम जय भारत संविधान .
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