27 मार्च 2021

सतनामी समाज अपना गोत्र हटाकर लिखेंगे सतनामी।


 सतनामी समाज अपना गोत्र हटाकर  लिखेंगे सतनामी

अनुसूचित जाति महासंघ छत्तीसगढ़ एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय मीटिंग संपन्न



मुंगेली : अनुसूचित जाति महासंघ छत्तीसगढ़ के द्वारा एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय बैठक रखा गया। जहां प्रदेश के सभी सतनामी समाज को बुलाया गया था  सभी सतनामी समाज को एकता और भाईचारा में रहने के लिए कहा कई टुकड़ों में बढ़ते जा रहे हैं सतनामी समाज उसको एक साथ जोड़ने के लिए अनुसूचित जाति महासंघ छत्तीसगढ़ ने साथ साथ रहने के लिए कहा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सतनामी ने कहा कि अगर सतनामी समाज को एक रहना है और संगठित करना है तो गोत्र को हटाकर सतनामी लिखना बहुत जरूरी है ए सिर्फ जिले वालों की बात नहीं है पूरे भारतवर्ष में जितने भी सतनामी समाज हैं वह अपना गोत्र हटा करके सतनामी लिखें गोत्र को उपयोग सिर्फ शादी विवाह में उपयोग कर सकते हैं मगर समाज में नहीं करना चाहिए वही बैठक के माध्यम से राजकुमार सतनामी ने कहा गोत्र हटाकर के सतनामी लिखना अति आवश्यक है साथ सफेद चंदन लगाकर कहीं पर भी आना-जाना करें वहीं  प्रदेश स्तरीय सतनामी समाज के बैठक में सभी सतनामी समाज को शपथ दिलाया गया की आज से सब अपने नाम के साथ सतनामी लिखेंगे और कहीं पर आना-जाना करेंगे तब सफेद चंदन लगाकर आना जाना करेंगे इस प्रकार का शपथ सतनामी समाज को दिलाया गया वही     संस्थापक हरजीत सतनामी ने कहा कि जब तक हम सतनामी नहीं लिखेंगे तब तक हम एक नहीं हो पाएंगे सतनामी लिखना एक मुख्यधारा के रूप में एकीकरण होना है जब हमको एकीकरण होना है तो सपना में लिखना बहुत जरूरी है बैठक के माध्यम से समाज को निवेदन है कि पूरे भारतवर्ष में सभी सतनामी समाज मृत्यु भोज करना छोड़े और मुंडन होना भी छोड़े ।समाज को सही विचारधारा ने आना होगा और जो सतनाम धर्म है उसी को मानना है वही  संस्थापक ने कहा कि आगामी जनगणना में सभी सतनामी समाज गोत्र को हटाकर सतनामी लिखवाए तभी होगा सतनामी का एक नई पीढ़ी का विकास तभी हो सकता है सतनामी यों का एकीकरण बाबा गुरु घासीदास जी का सपना पूरा करने के लिए कम से कम एक विचार को अपने शरीर में आत्मसात करना बहुत जरूरी है बाबा गुरु घासीदास के विचार को पूरे भारत में कोने कोने तक पहुंचाना है।वही पत्रकारों ने प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सतनामी को पूछा या संगठन किस लिए बनाया गया है? सतनामी ने कहा कि या कोई संगठन नहीं एक विचारधारा है विचारधारा से सतनामी समाज एकीकरण हो सकता है यह सिर्फ एक ही संगठन का विचारधारा नहीं है यह सभी संगठनों का विचारधारा है इस विचारधारा को सभी बड़े से बड़े और छोटे से छोटे संगठन को अपनाना बहुत जरूरी है और यह भी मुझे छेड़ ना अति आवश्यक है मैं यह कहना चाहूंगा कि सभी संगठन एक साथ मिलकर रहें। इस प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में मुंगेली जिला अध्यक्ष दिनेश सतनामी, बिलासपुर संभाग मीडिया प्रभारी समीर सतनामी, बिलासपुर संभाग सांस्कृतिक विभाग अध्यक्ष सागर संगम सतनामी ,त्रिलोक सतनामी, पुखराज सतनामी, गया प्रसाद सतनामी, रंजीत सतनामी, अश्वनी सतनामी, इतवारी सतनामी, आनंद सतनामी ,मनीराम सतनामी,  फागूराम सतनामी,  व प्रदेश के समस्त सतनामी समाज उपस्थित रहे।


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5 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा बात है मैं इसमें एक सुझाव देना चाहता हूं सरनेम लिखा जाना चाहिए उदाहरण के लिए
    पहले सतनामी नाम । सरनेम
    सतनामी रामकुमार लहरे

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